हिंदू धर्म में कुल सोलह संस्कारों का वर्णन किया गया. इन षोडश संस्कारों में 16वां संस्कार अर्थात आखिरी संस्कार को अंतिम संस्कार कहा जाता है, जो कि व्यक्ति के निधन के उपरांत किया जाता है. इस संस्कार के लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं. जिसमें दाह संस्कार कभी भी सूर्यास्त के बाद नहीं किया जाता है. इसके अलावा दाह संस्कार के समय अंतिम संस्कार की क्रिया करने वाला व्यक्ति छेड़ युक्त एक घड़े में पानी भरकर चिता की परिक्रमा करता है. उसके बाद उस मटके को पटककर फोड़ देता है.
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